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six ವಿಡಿಯೋकि अपनी चूत को उसके मुँह के ऊपर ले आई।जाहिरा ने मेरी साफ़ और मुलायम चूत को देखा तो उस पर अपना हाथ फेरते हुए बोली- भाभी चूत तो आपकी भी बहुत चिकनी और मुलायम है. मांसपेशियों में दर्द के लिए घर उपचारवो देख रही थी।मैं जान-बूझकर लिंग को एक हाथ से ऊपर उठा कर मेरी गोटियाँ भी उसे दिखा रहा था।वो मेरी हरकतें देखकर हँसने लगी और शायद जिससे बात कर रही थी. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !मैंने उसके कपड़े उतारे और उसकी गाण्ड में तेल लगा कर अपना लौड़ा पेल दिया।अब कैसे पेला उतना नहीं बता रहा हूँ. भूत की पिक्चर भूत की पिक्चरपर मैं सारी रात चाची के नंगे मम्मों और चिकनी चूत के बारे में ही सोचता रहा।अगले दिन जब मैं उठा तो तैयार हो कर नाश्ता करने गया. |
पर घर में मातम था तो सबसे कम बात हुई।दाह-संस्कार करके आने के बाद रात को सब बैठ कर बात क़र रहे थे। मैं अकेला हो गया था।पापा मामा के साथ.सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ: उसकी कद-काठी देख कर मेरे होश उड़ गए। जब मैंने उन सबको ध्यान से देखा तो लगा सारे ही तगड़े मुस्टंडे हैं। सभी 6 फुट से ज़्यादा लंबे थे. |
तो वो एक लड़के से बात कर रही थी। उसके जाने के बाद मैंने उससे पूछा- यह कौन है?उसने बताया कि वो उसका बॉयफ्रेंड है।तब मैं उदास हो गया.क्योंकि माँ-पापा के आने का टाइम हो गया था और जल्दी से घर को ठीक किया।दोनों बहनों ने मिलकर नाश्ता बनाया और हम नाश्ता करने बैठ गए।मैं- कैसा लगा आज?सोनाली और सुरभि- मजा आ गया. इंडियन mms - सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफलेकिन मेरे जैसे पहलवान के आगे सब असफल प्रयास थे।अब रेशमा के दर्द की परवाह न करते हुए मैंने एक और तगड़ा झटका कस दिया और इस बार पूरा का पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में पेवस्त हो चुका था।मैं दो-तीन बार इस तरह लण्ड को अन्दर-बाहर करता रहा। गाण्ड टाईट होने की वजह से मेरा सुपारा भी जल रहा था और रेशमा भी दर्द से छटपटा रही थी। लेकिन जैसे-जैसे रेशमा की गाण्ड ढीली पड़ती जा रही थी.और मालिश करने लगा। मैं भाभी को सामने देखकर उसको स्माइल दे रहा था और वो भी बहुत लाइन दे रही थी।यूँ ही बात करते-करते बातों-बातों में ही उसने मुझसे पूछ लिया- तेरी गर्लफ्रेंड हैं?मैंने बता दिया- नहीं हैं. |
मैं 20 साल का हूँ और मेरा लंड 8 इंच का लंबा और 2 इंच का मोटा है। मैं इस साईट का का एक नियमित पाठक हूँ. सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ और हैरत से बोलीं- तेरा लंड तो तेरे डैड से कहीं बड़ा और मोटा है।फिर मॉम ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और मुँह से लौड़े को झटके देने लगीं।मैं तो ‘अया. |
फिर मैंने एक झाड़ी में छुपा वो कपड़े में लिपटा डिल्डो खोज निकाला।कपड़ा हटा कर देखा तो वो एक लकड़ी का बना हुआ करीब सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा बेहद खूबसूरत लण्ड था। एकदम चिकना और हूबहू असली लण्ड जैसा.
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फिर मैंने उसके देखते ही देखते उसके होंठों पर चुम्बन कर दिया और फिर हाथों को चूम लिया।फिर उसके गले में चुम्बन करने लगा और फिर उसे अपनी बाँहों में भरकर उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसे होंठों को बुरी तरह चूमने लगा।अब मैंने उसके बोबों को दबाना चालू किया और उसने मेरा लंड पकड़ लिया. तो उसकी सास उसे ताने मारती है और अपने बेटे की दूसरी शादी कराने की बात करती है।मैंने बोला- तो इसमें क्या बड़ी बात है, बच्चा पैदा कर ले. तो सीधे घर चले आते और बस मुझे जिस हालत में मैं होती थी उसी हालत में मुझे चोदने लगते थे।‘सच माँ जी? मतलब पापा जी महाचोदू इंसान थे.
और कुछ भी बात किए बिना उसे अपनी बाँहों में भर लिया और चुम्बन करने लगा।सच में दोस्तो, बहुत ही रसीले होंठ थे उसके. अब तुम्हें इससे शांत करना पड़ेगा।वो लगातार मेरे लंड की तरफ़ देखे जा रही थी।मैंने उसे हिलाया और कहा- अपना हाथ आगे करो।उसने मना कर दिया. जब वो वापस आई तो पता चला कि उसकी शादी तय हो गई थी।मैं तो कविता को देख कर दंग ही रह गया, हमेशा सलवार-कमीज़ पहनने वाली कविता अब साड़ी में थी, उसकी चूचियाँ पहले से ज्यादा बड़ी लग रही थीं। शायद कसे हुए ब्लाउज के कारण या फिर सच में बड़ी हो गई थी।उसके चूतड़ पहले से ज्यादा मज़ेदार दिख रहे थे और कविता की चाल के साथ उसकी बाल्टी बहुत मटकती थी।कविता जब से वापस आई थी.
उठना नहीं है क्या?एक ही कपड़े से हम अपने आपको छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए मैं बोला- तुम कब जागे?सोनिया- भाई वो. शायद मेरी नग्नावस्था को भी अपने कामुक मन में बसा कर हस्तप्रयोग भी करता होगा।चंदर को पटाने के लिए यह सेक्सी जिस्म ही काफ़ी है।अगले दिन. फैजान हँसने लगा और फिर उसे अपने ऊपर थोड़ा झुका कर उसकी खुबसूरत चूचियों के गुलाबी निप्पलों को चूसने लगा। फिर उसने एक मम्मे को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और अपना दूसरा हाथ मेरी चूची पर रख कर बोला- जाहिरा तुम्हारी चूची.
वो एकदम नई अनचुदी चूत थी।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !अब मैं भी हार नहीं मानने वाला था। मैंने उसके पैर ऊँचे कर के अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी छोटी सी चूत के छेद पर सुपारा रखकर धीरे से धक्का लगा दिया. मुझे तो पहले ही उसकी चूत का रस पीने की जल्दी मची थी और अब तो बीवी ने हरी झंडी दे दी थी।मैं अपनी जवान साली के पास भोपाल पहुँच गया और उसको पटाने के लिए.
मैंने उसको मोपेड चलाने के लिए कहा तो भांजी आगे बैठ कर मोपेड चलने लगी। मैं उसके पीछे बैठ गया। मैं उससे बहुत सट गया था। उसके बड़े-बड़े चूतड़ों से अपना लौड़ा लगाकर बैठ गया। उसके शरीर से मदहोश करने वाली महक आ रही थी।मैंने धीरे से उसके मम्मों पर हाथ रख दिया और दबा दिए। उसकी सिसकारी निकल गई.
वो एकदम सीधी सोई थी और सांस के साथ उसके चूचे ऊपर-नीचे हो रहे थे। उसकी नाईटी भी जाँघों से भी ऊपर तक थी.
दूसरे दिन मैं तैयार हो कर 8 बजे उसके कॉलेज के गेट पर पहुँच गया।थोड़ी देर इन्तजार करने के बाद मुझे वो आती हुई दिखाई दी।अब आगे. इतना कह कर उसका पति बहुत ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।उसकी वाईफ ने ज़ोर-ज़ोर से चुदवाते हुए कहा- ओर ज़ोर से. बाज़ू का टच बहुत अच्छा फील हो रहा था।अपनी बाज़ू पर उसके जिस्म का टच मुझे सीधे-सीधे मेरे दिमाग पर असर करता हुआ महसूस हो रहा था। मैंने भी अपनी बाज़ू को हटाने की बजाए उसकी बाज़ू की गर्मी को महसूस करना शुरू कर दिया।नावेद को भी शायद अहसास हो गया था कि उसका बाज़ू मेरी बाज़ू से छू रहा है लेकिन मैं हटा नहीं रही हूँ.
बस… जूही का भी जूस बहुत मस्त है कुतिया… एकदम दारू की बोतल जैसा नशा देता है…कहते कहते मैंने रीना रानी की गोरी गोरी चूचियाँ हौले हौले दबानी शुरू कर दीं।कहानी जारी रहेगी।[emailprotected]. जाहिरा हँसी और फिर फैजान का लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसकी नोक पर अपने होंठ रख कर उसने एक चुम्मी कर दी।फैजान- थोड़ा सा मुँह के अन्दर लेकर चूस तो सही यार. मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया.
आप खुद इन्हीं से पूछ लो।बाबा ने कहा- इसका लटका हुआ चेहरा ही बोल रहा है कि इसे कोई शरीर का सुख है ही नहीं.
उनको कुछ भी पता नहीं चला।शाम को हम छत पर बैठे हुए थे।सोनाली- सूर्या का फोन आया?मैं- नहीं क्यों?सोनाली- वैसे ही कहा. ?अब मुरली को समझ में आया कि बाबा क्यों चिल्लाए थे।मुरली बहुत खुश भी हुआ। झट से बाबा जी के चरणों पर गिर पड़ा और बोला- धन्य हो बाबाजी. और यह क्या है कि हर वक़्त इसी हालत में ही खड़ा रहता है?फैजान- बस जब से इसने अपनी प्यारी सी बहना की कुँवारी चूत का दीदार किया है ना.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि ये तो आसानी से पट जाएगी।कुछ देर बाद मैं फोन रख कर सो गया और नींद खुली तो दिल्ली पहुँच चुका था।अब आगे. जो मिला उसी से संतुष्ट थीं, वो बहुत खूबसूरत भी थीं, उनकी खूबसूरती की वजह से पिताजी का आत्म-सम्मान और भी कम हो गया था।पिताजी ने कभी भी ज़िंदगी में प्रयास नहीं किया. उसकी कद-काठी देख कर मेरे होश उड़ गए। जब मैंने उन सबको ध्यान से देखा तो लगा सारे ही तगड़े मुस्टंडे हैं। सभी 6 फुट से ज़्यादा लंबे थे.
कुछ देर तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा और जब मुझे होश आया तो मेरा लंड अब भी उसके मुँह में था और वो मेरा सारा माल चचोरती जा रही थी।जब सारा माल खत्म हो गया तो उसने लंड मुँह से बाहर निकाल दिया और हाथ से पकड़ कर हिलाने लगी।मेरा लंड सिकुड़ कर एकदम छोटा हो गया था और बहुत प्यारा लग रहा था.
आज रात को तेरी चूत से सारा बदला लूँगा।जाहिरा- क्या मतलब?फैजान- मतलब यह कि मैं आज ही रात को तेरी कुँवारी चूत चोदूंगा।जाहिरा- भाई. फिर एक लम्बी सांस लेते हुए उसने अपने लौड़े का पानी निकाल दिया।कुछ देर हम दोनों यूँ ही बैठे रहे और फिर बाद में हम लोग अपने-अपने घर चले गए।दोस्तो, कहानी अभी बाकी है.
सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ फैजान ने दोबारा से अपनी बहन के नंगे निप्पल को अपने होंठों के दरम्यान ले लिया और उसे चूसते हुए धीरे से बोला- श्ह. पर मुझे तो बस उस टाइम अजीब सा फील हो रहा था ये लग रहा था कि इसका ये मोटा लंड मेरी चूत में जल्दी से घुस जाए।फिर दीपक ने लंड पर हल्का सा ज़ोर लगाया और चूत में चिकनाहट की वजह से उसका टोपा अन्दर घुस गया।मेरे मुँह से दर्द भरी ‘आईई… ईई.
सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ अपने भैया के साथ सिनेमा में?जाहिरा मुझे जवाब देती हुई बोली- भाभी आप भी तो उस लड़के के साथ खूब मजे करके आई हो ना?मैं- अरे नहीं यार. लेकिन फैजान ने नीचे बैठ कर उसकी टाइट लेगिंग के संगम पर उसकी लेग्गी के ऊपर से ही उसकी चूत पर अपनी होंठों रखा और एक जोरदार चुम्बन करके बोला- ठीक है.
मैं अपने कमरे में थोड़ा गुस्से वाले अंदाज में साफ-सफाई करने में लगी थी।उन्हें लगा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा होगा.
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मैंने कहा- चलो आज हम नहला देते हैं।यह कहते हुए मैंने सुमन को गोदी में उठा लिया और स्नानघर में ले गया और धीरे से उसका कुरता उतार दिया।अब सुमन मेरे सामने सिर्फ ब्रा में नजरें झुकाए खड़ी थी।मैं तो देखता ही रह गया दोस्तो. उसके बाद मैं हूँ।पापा काम की वजह से हमेशा बाहर ही होते हैं। मेरी मम्मी भी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं। घर में मैं और मेरी बहन ही होते हैं। मम्मी रात को आती हैं कभी-कभी उनकी नाइट मीटिंग्ज़ भी होती है. तभी वो उनकी हर बात मानेगी।संजय पर हवस का भूत सवार था, उसने सब बात मान ली और सुनीता के साथ चुदाई करने लगा।सुनीता जवान थी… उसके लिए भी ये शुरू में गंदा था.
मेरा लंड उस समय एकदम टाइट था।माँ ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और सब्जी काटने लगीं।मैं माँ के सामने ही अपने लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगा. सुबह जब मेरी आँख खुलीं तो दोनों बहन-भाई पहले ही उठ चुके हुए थे। मैं भी उठ कर बाहर आई और नाश्ता तैयार करने लगी।जब मैंने नाश्ता टेबल पर लगाया और दोनों बहन-भाई को बुलाया तो मैंने महसूस किया कि वो दोनों एक-दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे थे।जाहिरा के चेहरे पर शर्म की लाली थी. अपनी अल्मारी की तरफ बढ़ गई।मैंने अपनी ब्रेजियर निकाल कर पहनी और फिर नीचे से एक लेग्गी पहन ली लेकिन ब्रा के ऊपर टॉप नहीं पहना और फिर बाहर आ गई।जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो फैजान ने जाहिरा की ब्रा फ़ौरन ही सोफे पर फेंक दी। मैंने देख तो लिया था.
सोनिया- सूर्या मुझे क्या? साफ़-साफ़ बोलो न?मैं- सूर्या तुम्हारे साथ एक बार करना चाहता है।सोनिया- क्या?मैं- हाँ.
हम को तुम को बता देना चाहीऐ था लेकिन इस शानो ने हम को मना किया था। इस लिए हम कुछ नहीं बोली। रियली वेरी सॉरी।शानो और बानो भी माफ़ी मांगने लगी. वो मुझे चोदने देती थी।हर बार हमने चुदाई का खेल रात में ही किया।थोड़े ही महीनों बाद दीप का ट्रांसफ़र हो गया और मैं फिर से अकेला हो गया। अपने जीवन में मैंने बहुत सी भाभियों को मज़े दिए हैं लेकिन कोई कपल नहीं मिला।मेरी इस हकीकत भरी दास्तान पर आप अपने विचार मुझे जरूर भेजिएगा। मुझे आशा है कि यह स्टोरी आप सबको पसंद आई होगी. उसने अपना हाथ मेरे लोअर में डाल कर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और उससे खेलने लगी।मैंने भी कोई कसर ना दिखाते हुए धीरे-धीरे उसके ऊपर के सूट के बटन खोलने लगा और भी पूरा उतार दिया।अब वो बस ब्रा में थी.
कि मैंने कैसे पड़ोस की दो भाभियों व मकान मालकिन को कैसे चोदा।जिन्होंने मेरी पहले की कहानियाँ नहीं पढ़ी हैं वे साथ में दिए गए लिंक से उन कहानियों को जरूर पढ़ें। मेरी सभी कहानियाँ बिल्कुल सत्य घटनाओं पर आधारित हैं. ये क्योंकि पहली बार था जब मैंने किसी लड़के का लौड़ा रियल में देखा था… वो भी अपनी बेस्ट फ्रेण्ड की चुदाई करते हुए।उसके बाद अंकित दिव्या के ऊपर चढ़ गया और तेज-तेज झटके देने लगा। दिव्या पागलों की तरह. हवाई जहाज़ में… हर दिन एक नए वातावरण में, एक नए स्टाइल में मेरा प्रेमी मुझे चोद चोद के मेरा भेजा उड़ाए रखे… मैं उसे चौबीसों घंटे प्यार करूँ… उसका ख्याल रखूं… उसके साथ नहाऊं… वहीं वो मुझे कभी कभी चोद भी दे… मेरा प्रेमी मेरे मेंसेस में भी चूत चूसने से हटे नहीं बल्कि और चस्का लेकर चूसे… और खूब चोदे… मैं तो राजे मेंसेस में इतनी गर्म हो जाती हूँ कि दिल करता है दस दस आदमी मुझे एक साथ चोदें.
और कहते हुए अपनी नाईटी को कमर तक उठाते हुए अपनी बुर खोल दी।माँ दीदी को पूरी तरह गरम करना चाहती थीं और यही हमारा प्लान था।माँ खुद भी गरम हो गई थीं और उनकी बुर से पानी निकलने लगा था।शायद यही हाल दीदी का भी था. तो पति भी सब भूल कर मुझसे खूब मजे लेते हैं और अपनी ऐय्याशी भरी जिन्दगी में बाहर भी खूब गुलछर्रे उड़ाते हैं।वे दो साल से दुबई में हैं उनका वहाँ 5 साल का कोई कॉन्ट्रेक्ट है.
मैं तुमसे हार गई हूँ और आज से मैं तुम्हारी दासी हूँ। तुम मेरे मालिक हो और इस दासी पर तुम्हारा पूर्ण अधिकार है।यह सुनकर कोका ने उसे नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान करके आने को कहा।कुछ समय बाद कोका और वह कमरे में फिर आमने-सामने थे। कोका ने उसे अपने पास बैठाया।उसके पाँव में पाजेब पहनाईं. मैंने मुँह खोल कर उसके लण्ड को अपने मुँह में ले लिया।उधर बिट्टू मेरी चूत चाट रहा था।अब मैं पूरी मस्ती में डूबी जा रही थी. वो ही बताएगी।इस बात को उसके ब्वॉय-फ्रेण्ड ने सुन ली और वो हमारे पास आकर बोला- हिमानी तुम्हारा तो पता नहीं पर.
जिससे हम और सभी दम्पति अपना प्रेम मिलन और वैवाहिक जीवन का आनन्द उठा सकें।वैशाली अब बड़े जोर से बोली- बोलो श्री श्री 1008 जलगाँव ब्वॉय चोदूराम बाबा की जय.
मेरा तो नीचे से खड़ा होने लगा।मैं उन्हें घूरे जा रहा था।चाची ने मेरी तरफ देखा और पूछा- क्या हुआ?मैं कुछ नहीं बोला और देखता रहा।चाची ने मुझे अपने पास खींचा, मैं उनके बिल्कुल बगल में सट गया, चाची मुझे ध्यान से देखनी लगीं।मैं- चाची मुझे भी आपका दूध पीना है।चाची- अच्छा मेरे मुन्ने को भी भूख लग गई।मैं- हाँ चाची पिलाओ ना. जिससे मुनिया खुश हो गई।तब तक पुनीत भी तैयार हो गया था, सबने जल्दी से नाश्ता किया और वहाँ से निकल गए।दोस्तो, मेरे पास कुछ दोस्तों के ईमेल आए कि यहाँ के नौकरों का कोई नाम और जिक्र मैंने नहीं किया. मैं और जाहिरा ने बर्तन समेट कर रसोई में रख कर काम ओके किया और बाहर आ गए।मैं जाहिरा के साथ उसके कमरे में गई और उसे एक उसकी टाइट सी जीन्स और एक नई टी-शर्ट निकाल कर दी।मैं बोली- आज तुम यह पहन कर चलोगी बाहर.
तो हम फंस भी सकते हैं।उसने वैसा ही किया।मैंने भी 15 दिन की नाइट डयूटी लगा ली और यहाँ रेखा के बाप यानि मकान मालिक के भाई को भी बता दिया कि मैं सुबह दोस्त के घर पर ही नाश्ता करके आऊँगा।मैं रात को डयूटी चला गया और अगले दिन दोस्त के घर जाकर उसका इन्तजार करने लगा।एक घंटे बाद मैंने रेखा को फोन किया और 5 मिनट में मंदिर के बाहर मिलने को बोला।वो बाहर ही मिल गई. मुझे अपनी भुजाओं में पूरी ताकत से भींच लिया।मैं समझ गया कि वो झड़ रही थी।मैं भी अपने चरम पर पहुँच रहा था.
ये लो अभी इसका स्वाद बदल देता हूँ।मैंने दोस्त की रसोई से शहद लाकर लण्ड पर अच्छे से चुपड़ दिया और लण्ड उसके मुँह में ठूंस दिया।पहले उसने लण्ड पर जीभ लगाई फिर पूरा लण्ड मुँह में ले लिया। शहद का स्वाद काम कर गया. पर अगर चिल्लाईं तो ठीक नहीं होगा।पूजा ने ‘हाँ’ में सर हिलाया तो उस साये ने अपना हाथ हटाया।पूजा- कौन हो तुम और यहाँ क्या कर रहे हो?साया- मैं कौन हूँ. तो मैं उसके साथ बैठ गई।कुछ दूर जाने के बाद उसने मुझसे पूछा- तेरी क्लास कब की है?मैंने उसे बताया- भाई 10-30 से है।तो वो बोला- फिर तो गाड़ी तेज चलानी पड़ेगी.
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झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही लेट गया और उसे चूमने लगा।मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?तो बोली- पहले बहुत दर्द हुआ.
उसने पुनीत के हाथ को अपने हाथ से दबा लिया और अजीब सी आवाजें निकालने लगी और झड़ने लगी।मुनिया- इसस्स्सस्स. मेरे मौन को देख कर उसे मेरी जीन्स और मेरी पैंटी उतार फेंकने में दो मिनट भी नहीं लगे।मुझे थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि मेरी चूत शेव्ड नहीं थी. मैंने हाथ से हिलाकर उसको अपने रेग्युलर साइज़ में लाकर उसकी स्किन पूरी तरह से पीछे करके वहीं रुका रहा।अब मेरा गुलाबी रंग का सुपारा बाहर आ चुका था.
कि हर औरत के आँसू निकले हैं। लंड इतना सख्त है कि जैसे लोहे की रॉड हो। मेरे लंड ने हर चुदाई की कहानी ऐसी लिखी है कि चुदने वाली की चूत काँप जाए।बात तीन महीने पहले की है। मेरे घर वाले सब लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए थे। खाना-पीना चाची के जिम्मे बोल दिया गया था।मेरी चाची एक मस्त माल हैं। उनके मम्मे बहुत बड़े हैं। वो उस समय तीस साल की थीं। चाचा ट्रक चलाते थे. इसे ‘स्वयं सुख’ के बारे में किसने बताया होगा? लड़कें ‘स्वयं सुख’ पाने के लिए के कितने तरीकों से अपने अंग को उत्तेजित करते हैं. सुंदर पेंटिंगकि मैं ‘आहें’ भरने लगी और मादक सीत्कारें भरने लगी।मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी। मैंने किताब के और पन्ने खोले तो और भी अश्लील फोटो थे। अब आदमी औरत की योनि चूस रहा था। अंत में वीर्य स्खलन का भी चित्र था।बॉस ने अपनी सेक्रेटरी के उन्नत उरोजों पर अपना वीर्य छोड़ा.
मेरी चूत से पानी निकलने लगा था। मैं अब पूरी तरह से उसके बस में थी।तभी उसने अपना हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा।मेरी चूत पर उसका हाथ लगते ही मैंने अपने होश पूरे खो दिए, मैं भूल गई कि मैं शादीशुदा हूँ और मैंने अशरफ को अपनी बांहों में भर लिया और उसको बोली- प्लीज. बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही करते रहो।मैंने थोड़ी देर सहलाने के बाद उसके आगे अपना लण्ड कर दिया।मैं बोला- इसे अपने मुँह में लेकर चूसो।वो बोली- नहीं.
मगर बाद में सीधे अन्दर चली गई।तब तक पुनीत ने लाइट ऑफ कर दी थी और सिर्फ़ बरमूडा पहने बिस्तर पर लेटा हुआ था।दरवाजा खुलने से वो सीधा हुआ. गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी और आकर्षित करता था।तो जब भी मौका मिलता मैं बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारा करता था।वो बहुत ही सेक्सी लगती हैं. फिर धीरे से उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाला और चूसने लगी।मेरे तने हुए कड़क लंड को बार-बार देख कर वो बोली- हाए.
’एक मर्द का अपने भाई का हाथ अपनी चूत पर लगते ही जाहिरा की चूत गरम होने लगी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।अपनी सग़ी बहन की चूत पर अपनी उंगली फेरते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार में घुसेड़ रहा था और उसकी उंगली पर उसकी अपनी ही बहन की चूत का पानी लग रहा था।फैजान ने अपनी उंगली ऊपर की ओर जाहिरा को दिखाते हुए कहा- देख. उसे गुदगुदी हो रही थी।मैंने उसके दोनों पैर अपनी कमर के इर्द-गिर्द डाल लिए और उसकी मक्खन सी चिकनी चूत पर अपने लंड की नोक को टिका दिया और बस सहलाते हुए एक तगड़ा धक्का मार दिया. यहाँ ऐसे ही सबको कमरे बदलना पड़ेगा।आज पूजा के मन में है कि वो पायल के साथ मज़ा करे- तू ऐसे नहीं मानेगी.
लेकिन इतनी बड़ी चूचियों को देख कर तो सब पागल हो जाते होंगे।सुरभि- हाँ सबसे ज्यादा तो मेरा बॉस ही हमेशा मेरे आगे-पीछे घूमता रहता है।सोनाली- तो मौका दे दो न बेचारे को.
वो दोनों मेरी ताकत और चोदने के तरीके को देखते ही रह गए।मैं उसे साइड में लेटा कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।तभी वो दोनों फिर से गरम हो गए. मुझे भी नहीं पता था कि अब बात कितने आगे जाएगी।मैंने अब तो खुल कर उनकी तारीफ करना शुरू कर दी, शायद वो भी अब बातों में या मुझमें इंटरेस्ट ले रही थीं।भाभी ने पूछा- सच में मैं 28 की लगती हूँ क्या?तो मैंने कहा- हाँ जी.
तो सरिता ने उसका हाथ पकड़ लिया।उन दोनों के बाहर जाने के बाद सरिता ने मुनिया से कहा- बहुत भले लोग हैं इनको किसी भी तरह की तकलीफ़ ना होने देना. तो क्या आज कुछ दिखाने का मन नहीं है?यह उसने मुझे उकसाने के लिए कहा था।मैं- जी मन तो उस दिन के बाद रोज़ हो रहा है. चलो अन्दर ही चलते हैं।जाहिरा भी अपने जिस्म को छुपाते हुए अन्दर आ गई।मैं और फैजान दोनों एक साथ ही बाथरूम में नहाने के लिए घुस गए और ऊँची आवाज़ में मस्तियाँ करते हुए नहाने लगे। सारी आवाजें बाहर जाहिरा के कानों तक जा रही थीं।थोड़ी देर में जाहिरा ने नॉक किया और बोली- भाभी आप लोग निकल भी आओ.
और मुझे औरतों के साथ काम-क्रीड़ा करना बहुत पसंद है।उस वक्त मैं जयपुर में एक शेयर मार्केट के ऑफिस में जॉब करता था। मैं जयपुर में ही एक मकान में किराए से रहता था. मैंने उसको देखा कि साला फोन पर ही लगा हुआ था तो मैं उसके कमरे में गया।मैं- क्या कर रहा है साले?सूर्या- तेरी बहन को फोन पर चोद रहा हूँ अभी नंगी लाइन पर ही है. पर चेहरा भी बहुत सुंदर था। डार्क लिपस्टिक की वजह से उसके होंठों को मैं ठीक तरह से देख पा रहा था… बहुत बड़े और मस्त होंठ थे उसके।अब मेरी नज़र नीचे गई.
सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ तो उसने पूरा ज़ोर लगा कर मेरा सिर दबा कर रखा। इधर नयना मेरी नंगी गाण्ड पर लगातार चांटे लगाए जा रही थी।उसका एकाध चांटा पीछे से मेरी गोटियों पर भी पड़ रहा था. क्योंकि उसे देख कर यह बिलकुल भी नहीं लगता था कि उस जैसी लड़की शादी भी हुई होगी।फिर उसने अपनी पूरी कहानी बताई। वो रोने लगी तो मैंने उसके कंधे को सहलाया.
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तो वो थोड़ा अलग सी हुई।मैं- क्या हुआ भाभी? लगता है आप हमसे प्यार नहीं करतीं?सलहज- नहीं जीजू आप हमारे इकलौते जीजाजी हैं. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी सूट की चैन खोली और कमर पर किस करते हुए उसे उसके बदन से अलग कर दिया।उसने नीचे लाइट ग्रीन कलर की सॉफ्ट ब्रा पहनी थी. मैंने बहुत बार उनकी चुदाई की और अपना लंड उनके मुँह में डालकर उनके मुँह को भी चोदा।आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी मुझे मेल कर के जरूर बताइयेगा।[emailprotected].
अब मेरे लवड़े का मजा ले।मैंने उसको सीधा लेटा दिया।फिर उसकी टाँगें चौड़ी कीं और अपना लंड उसकी बुर के छेद में घुसाने लगा. और वो मेरी फिर से चुदाई करने लगा।आज फिर एक बार मेरी कामुक जवानी की प्यास खूब बुझी थी। हम तीनों ने अपनी काम वासना शांत करके अपनी अपनी राह लेने की तैयारी की।इसके अंत में एक कहानी और शुरू हो गई थी. जोधपुर सेक्स वीडियो मारवाड़ीतो ऐसा करते हैं कि कल सुबह की कोचिंग के बाद मैं सीधा तुम्हारे साथ इधर ही आऊँगी। हमें पढ़ने के लिए स्कूल टाइम से पहले 1 घंटा मिल जाएगा।मैंने कहा- ठीक है.
और सब लोग कैसे हैं?’ उसने एक सांस में ही सब कुछ पूछ लिया और मेरे सामने बैठ गई।वो मुझसे हँस-हँस कर बड़ी आत्मीयता से बात कर रही थी.
उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों के बीच जीभ को घुसा दिया और ढेर सारा खारा नमकीन रस चख कर देखा।बस फिर क्या था वो मुझे चूमने लगी और रात का खेल दिन में ही खुल्लम खुल्ला होने लगा। उसने मेरा लवड़ा चूसा, मैंने उसकी फुद्दी चूसी और बस चूत और लौड़े के मिलन की तैयारी हो गई।फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत पर रखकर. उसका तौलिया बिस्तर पर ही रह गया और नंगी ही सूर्या के गले लग गई।सूर्या देखता ही रह गया।दोस्तो, मेरी यह कहानी आपको वासना के उस गहरे दरिया में डुबो देगी जो आपने हो सकता है कभी अपने हसीन सपनों में देखा हो.
मैं समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और मेरे लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।मैंने दीदी को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो मेरे लंड कर बैठ गईं। मेरा लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।इधर सोनाली अपनी गाण्ड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड पर से हटी. साथ में उसने ये भी बताया कि उसका पति जॉब पर निकल गया है और अब दिन भर इस नई जगह वो अकेली रह गई थी। वो आगे बता रही थी कि अभी तक टीवी भी नहीं लग पाया है. मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।मैं झुक कर माँ की जाँघों और चूतड़ के पास अपना चेहरा ले जाकर बुर को देखने की कोशिश करने लगा। मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई चीज इतनी मुलायम, चिकनी और सुन्दर हो सकती है। माँ की बुर से बहुत अच्छी से भीनी-भीनी खुश्बू आ रही थी.
जाहिरा की टाँगों पर हाथ फिराता हुआ फैजान ऊपर को आ रहा था। अब उसका हाथ जाहिरा के घुटनों तक पहुँच चुका था और फिर उसका हाथ ऊपर को सरका और उसने अपना हाथ अपनी बहन की नंगी जांघ पर रख दिया।जैसे ही फैजान के हाथ ने जाहिरा की नंगी जाँघों को छुआ.
उसकी चूत का त्रिभुज उसकी गुलाबी जाँघों के बीच में पावरोटी जैसा फूला हुआ दिख रहा था। चूत के होंठ आपस में एकदम चिपके हुए थे. लेकिन फिर जाहिरा तुरंत ही शांत भी हो गई।मैं दिल ही दिल में जाहिरा के कंट्रोल की दाद दे रही थी कि किस क़दर की हिम्मत वाली लड़की है कि एक मर्द के हाथ के स्पर्श पर भी खुद को इतना कंट्रोल कर रही है।जबकि मेरी चूत तो यह देख-देख कर ही पानी छोड़े जा रही थी कि एक भाई अपनी बहन की चूचों को सहला रहा है।अब आगे लुत्फ़ लें. तुम चाहे जहाँ चाहो बदल सकती हो।’अब बिना किसी झिझक के सुप्रिया मेरे सामने अपने कपड़े उतारने लगी। सबसे पहले उसने अपना टॉप और जींस उतारा। और जैसे ही उसने अपने शरीर से ब्रा को अलग किया.
योनि क्या होती हैफैजान मेरा फ़ैसला सुन कर खामोश हो गया और कुछ सोचने लगा।शाम को खाने के वक़्त हमने जाहिरा को यह बता दिया। उसने बहुत इन्कार किया. मैं बस उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था।अगर उस वक़्त माँ उठ भी जाती तो भी मैं नहीं रुक पाता।फिर मैं माँ के होंठों से सुपारे को सटाते हुए मुठ मारने लगा.
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जब मैंने पहली बार सेक्स किया था, तब मैं पढ़ता था।मेरे घर के पास एक लड़की रहती है जिसका नाम संध्या है। देखने में वो थोड़ी सांवली है. लेकिन मुझे हाथ और पेट से ही काम चलाना पड़ रहा था।उसके मुलायम और मखमली बदन को छूने के बाद मुझे अजीब सा अहसास हो रहा था और यह अहसास इतना अच्छा था कि मैं कुछ ज्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था और मैं अपनी इस उत्तेजना में उसकी गर्दन पर किस कर बैठा।दोस्तो, ऐसे माहौल में किसी लड़की को अगर गर्दन पर किस करो तो वो सिहर जाती है. सोनिया अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गई और मैंने भी सूर्या के कपड़े लेकर पहन लिए और उसके कमरे में चला गया।सोनिया- तुम यहाँ क्या कर रहे हो.
जाहिरा ने बहुत ही धीमी आवाज़ से कहा तो फैजान तो जैसे एक लम्हे के लिए चौंक गया कि यह क्या हुआ कि उसकी बहन जाग गई है और उसने अपने भाई के हाथ को अपनी चूत पर पकड़ लिया है।फैजान के मुँह से जाहिरा का निप्पल सरक़ चुका था. और रहने वाली नेपाल की थी, यहाँ दिल्ली में कोठी में बच्चों को सम्भालने का काम करती थी। वह अपनी बड़ी बहन के साथ ठीक मेरे सामने के कमरे में रहती थी। वह और उसकी बहन सिर्फ हफ्ते की छुट्टी या सरकारी छुट्टियों में ही यहाँ मौज मस्ती या पार्टी के लिए आती थी, बाकी पूरा महीना वह कोठी में ही रहती थी।मीरा ने नेपाल के ही एक ड्राईवर को यहाँ दिल्ली में पटाया था। जब वो यहाँ कमरे में आती. कि तू गांडू है, गान्ड में लंड लेता है।’इतना सुनते ही मैंने फिर से स्माइल दे दी।इस बार भैया ने मुझे 10 मिनट चोदा और अपने लंड का सारा पानी मेरी गाण्ड में डाल दिया।फिर हम लोग मोहल्ले में पहुँचे और भैया मुझे घर छोड़ कर अपने घर चले गए।मैंने घर में जाते ही मेरी बहन ने कहा- घूम आया?मैंने कहा- हाँ.
सब अच्छी पढ़ाई और तरक्की की वजह से अच्छे दिन देख रहे थे। पिताजी पढ़ाई में उतने होशियार और तेज नहीं थे. जिसमें सन्नी ने दोबारा गोली मिला दी थी।खाने के बाद वो बुलबुल के सामने जाकर रुक गए।पुनीत- चलो भाई रॉनी जो काम अधूरा है. निधि बेचारी कहाँ जानती थी कि आज उसके साथ क्या होने वाला है। उसने अपनी चड्डी भी निकाल दी, अब उसकी बिना झांटों की फूली हुई चूत अर्जुन के सामने आज़ाद थी।अर्जुन- देख निधि तू यहाँ लेट जा.
सम्पादक – जूजा जीदोस्तो, यह कहानी पड़ोसी मुल्क से किसी पाठिका ने भेजी है जिसे मैंने सम्पादित किया है। इस कहानी को सीधे उसी पाठिका के माध्यम से आप सबकी नजर कर रहा हूँ. लेकिन उसे यह नहीं पता था कि मैं जाग रही हूँ।कुछ ही देर गुज़ारने के बाद मुझे फैजान के हाथ में हल्की-हल्की हरकत महसूस हुई। फैजान का अपनी बहन के जिस्म के ऊपर रखा हुआ हाथ आहिस्ता आहिस्ता हरकत में आ रहा था।उसने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ अपनी बहन की टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके पेट पर फेरना शुरू कर दिया।जब उसे महसूस हुआ कि उसकी बहन के जिस्म में कोई भी हरकत नहीं हो रही है.
उन्होंने हमें एक लेसन याद करने के लिए बोला और टेबल पर सर रख के सो गए।मैंने बुक को अपने हाथों में लेकर धीरे से कल्याणी की पीठ पर टच किया.
और चूमने-चाटने लगा।अब एक मर्द की बाँहों में जाते ही मेरी सीत्कारियां निकलने लगीं जो बाहर खड़ी शीलू तक को सुनाई दे रही थीं।वो बाहर खड़ी हँस रही थी और सुनील ने मेरी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे मम्मों को चूमने लगे।मैं मर्द की सुंगध पाते ही अपना आपा खोने लगी. करवा चौथ का पूजा कैसे किया जाता हैतो मैं जाहिरा के पास आई और बोली- आज तुमको बहुत ही हॉट और सेक्सी ड्रेस पहनना है।जाहिरा आँख मारते हुए बोली- तो भाभी क्या मैं ब्रा और पैन्टी में ही ना चली चलूं?मैंने भी करारा जबाव दिया- तुझे मैंने सिर्फ़ तेरी भाई से चुदवाना है. शांति सूचकांक 2021मैं झट से खड़ी हुई और मैंने दारू की बोतल उठाई और एक ही साँस में आधी गटक गई।तो एक मैडम की तरफ इशारा करके बोला- ये आज पक्के में हमारी रांड बनेगी. इस बार मेरी झांटें उसकी झांटों से जा मिलीं और मैं लण्ड को चूत में अच्छी तरह से फिट करके मैं कुछ देर के लिए रुक गया।आरती की चूत मेरे लण्ड को जबरदस्त तरीके से जकड़े हुए थी और उसका कसाव मुझे तरंगित कर रहा था।साथ ही मैंने महसूस किया कि कोई गुनगुना सा रस मेरे लण्ड को भिगो रहा है.
जो कि काफी तेज चल रही थीं। मैं कामातुर हो कर उसके होंठों को करीब 10 मिनट तक चूसता रहा।वह भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसकी चूचियों पर आ गए। कुछ देर उसके मस्त उभारों को सहलाने के बाद हाथ को कुरते ले अन्दर ले गया। पहले तो मैंने उसके कुरते के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया और फ़िर जैसे ही अन्दर हाथ डाला.
मेरी भी हालत ख़राब हो रही थी। मैं पागलों की तरह उसके मम्मों को दबाने लगा… चुम्बन करते हुए दोनों मदहोश हो रहे थे. उसने गाड़ी साइड में लगा दी और मेरे पास आ कर बैठ गया। मेरे हाथों को अपने हाथों में ले लिया मैंने पता नहीं एकदम से उसकी गोद में अधलेटी सी हो गई. मैंने वापस जाकर देखा कि दिव्या पूरी नंगी थी और अंकित दिव्या का ब्वॉय-फ्रेण्ड भी नंगा था। दिव्या उसकी गोद में बैठी थी.
क्योंकि शेव करे हुए अब एक हफ्ता बीत चुका था।मैं झट से बाथरूम के अन्दर गया और हमेशा की तरह एकदम लौड़े को क्लीन शेव करके वापिस आया. लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा था।भाभी ने कई बार मुझे उसको लाइन मारते हुए और उसकी चूचियों को देखते हुए पकड़ लिया था. फैजान भी हमारी साथ ही नहाने लगा। लेकिन अभी तक कोई भी कुछ भी शरारत नहीं कर रहा था।फैजान का पूरा जिस्म बिल्कुल ही नंगा था और नीचे जो कॉटन शॉर्ट्स पहने हुए था.
आज चाँद की कितनी तारीख है २०१९
क्योंकि उसकी गाण्ड पीछे से कुछ ज्यादा ही उभार लिए हुए थी। उसकी गाण्ड कुछ अंडाकार किस्म की उठी हुई थी. मेरे घर का डिज़ाइन ऐसा था कि एक परिवार का और मेरा एंट्रेन्स गेट एक की बरामदे से था।उनकी फैमिली में 3 लोग थे। हज़्बेंड. वो मुझे देखते ही उठ कर मुस्कुराते हुए मेरे गले लग गई और हम एक-दूसरे को किस करने लगे।अब वो भी साथ दे रही थी और हम दोनों के हाथ भी शान्त नहीं थे, मेरे हाथ उसकी चूतड़ों को मसल रहे थे और उसके हाथ मेरे लंड को हिला रहे थे।कुछ देर ऐसा चला.
उनकी बुर बहुत फूली हुई थी और बुर के दोनों होंठ फैले हुए थे। शायद एक जाँघ आगे करने के कारण, उनकी बुर से निकला हुआ चमड़ा लटक रहा था।मेरे कई दोस्तों ने गपशप के दौरान इसके बारे में बताया था कि उनके घर की औरतों की बुर से भी ये निकलता है और उन्हें इस पर बड़ा नाज़ होता है। मैं तो उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था.
अन्दर तेरा भैया तेरा इन्तजार कर रहा होगा।मेरी बात सुन कर जाहिरा हँसने लगी और फिर हम दोनों रसोई से बेडरूम में आ गए और सबने मिल कर बैठ कर मिल्क शेक पिया। जितनी देर तक हम लोग बैठे.
और खुद इतनी जल्दी निकल लिए।उसने हँस कर मेरा वीर्य चेहरे पर मल लिया और मुँह धोने चली गई।जब वो लौटकर वापिस आई. मैंने भी उसे कोई इसरार नहीं किया कि वो मुझे नई ब्रा पहन कर दिखाए।शाम को फैजान घर आया तो आज भी हमेशा की तरह उसकी नज़रें अपनी बहन की चूचियों पर ही थीं. एचडी फिल्म सेक्सी फिल्मनॉक के साथ ही दरवाजा अपने आप खुल गया। मैं धीरे से अन्दर गई तो मॉम बैठी रो रही थीं मुझे देख कर अपने आँसू पोंछे।मॉम- अरे बेटा क्या हो गया.
देखते हैं।मैं उसके साथ वाशरूम में गया और छिपकली को हटा दिया लेकिन अब ये मसला लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन का हो गया।आखिर एक दिन जब वो मुझसे वो छिपकली हटाने के लिए बोली. बाकी सुनील और विवेक के बारे में तो आप जानते ही हो। ये दोनों आवारा लड़के हैं और छोटी-मोटी चोरियां भी करते हैं और टोनी के चमचे हैं। तो बस टोनी ने इनका सहारा ले लिया। आगे जो चल रहा है. क्या करूँ और रात को उसके बारे में सोच कर फिर मुठ्ठ मारी और ऐसे ही सो गया।उस रात मैं अपने फ्लैट का गेट भी बंद करना भूल गया था और सुबह जब मेरी आँख़ खुली.
अगर भाभी ने देख लिया तो क्या सोचेंगी।फैजान ने अपना अकड़ा हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे जाहिरा के चेहरे के पास लाते हुए बोला- अपने इन प्यारे प्यारे होंठों से. तो इतना मज़ा आया कि मैं बता ही नहीं सकती। लेकिन मैं तुमसे और कुछ नहीं करना चाहती हूँ।मैं थोड़ा चौंक गया.
निधि सर को इधर-उधर पटकने लगी थी। चारपाई की रस्सी को उसने ज़ोर से पकड़ लिया था। मानो उसके जिस्म का सारा खून तेज़ी से चूत के रास्ते निकल रहा हो.
मुझे अपने सीने पर साफ़ सुनाई पड़ रही थी।जब मेरा हाथ उसकी जाँघों पर से फिसलते हुए योनि प्रदेश की ओर बढ़ चला तो उसने अपनी जांघें कस कर भींच लीं और मेरा हाथ वहीं फंस कर रह गया।अब आगे. मैं अपने काम में और वो अपने काम में व्यस्त हो गए।इस तरह से तीन महीने बीत गए।एक दिन अचानक सुप्रिया चीखते हुए मेरे ऊपर गिर पड़ी। मैंने उसे सम्भालने के लिए उसे जकड़ लिया और मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर. जैसे मुझे कोई ख़ास दिलचस्पी ना हो और यह एक आम सी बात ही हो।लेकिन अन्दर से मैं बहुत उत्सुक थी कि देखूँ कि फैजान अपनी बहन के लिए किस किस्म की ब्रा सिलेक्ट करके लाया है।अगले दिन जाहिरा घर पर ही थी तो फैजान के जाने के बाद मैंने वो शॉपिंग बैग उठाया और बाहर आ गई। जहाँ पर जाहिरा बैठी टीवी देख रही थी।मेरे हाथ मैं नया शॉपिंग बैग देख कर खुश होती हुए बोली- वाउ भाभी.
असली इत्र लेकिन दुबारा मेरी नज़र वहाँ पर फिर से आ टिकी और देखते ही देखते मेरा लंड एक रॉड की तरह खड़ा हो गया।मैंने उसी वक़्त उसको छोड़ दिया तो वो बोली- क्या हुआ मिलन तुमको. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं दर्द से चीखूँ या मज़े से आहें भरूँ।मेरी चूत का लावा फूट गया और मैं ठंडी पड़ गई।तभी मेरी चूत की दीवारों पर गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी जाकर लगी.
लेकिन उसे यह नहीं पता था कि मैं जाग रही हूँ।कुछ ही देर गुज़ारने के बाद मुझे फैजान के हाथ में हल्की-हल्की हरकत महसूस हुई। फैजान का अपनी बहन के जिस्म के ऊपर रखा हुआ हाथ आहिस्ता आहिस्ता हरकत में आ रहा था।उसने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ अपनी बहन की टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके पेट पर फेरना शुरू कर दिया।जब उसे महसूस हुआ कि उसकी बहन के जिस्म में कोई भी हरकत नहीं हो रही है. मैंने डर के मारे आज तक राहुल से गाण्ड नहीं मरवाई है।मैंने भी उसके होंठों को चूसते हुए कहा- यार चिन्ता मत करो. भाभी के निप्पल ब्राउन कलर के थे और करीब 1 इंच के लम्बे उठे हुए निप्पल थे।मैं बारी-बारी से दोनों निप्पलों को चूसने लगा।भाभी ने मेरे माथे पर हाथ रखा और मस्त होकर सिसयाने लगीं- प्लीज़ चूस इसको.
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मेरी उम्र 22 साल है। मैं रायपुर में रहता हूँ और इंजीनियरिंग के फाइनल इयर में पढ़ रहा हूँ। मैं बेहद गोरा हूँ. ट्रेन से उतर कर कोई तीन घंटे का बस का सफ़र करने के बाद मैं अपने गाँव पहुँच गया।अपने घर पहुँच कर माँ से मिल उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया, कुछ देर तक यूं ही सामान्य बातें होती रहीं. आज पहली बार तुम्हारी चूत मारने जा रहा हूँ।फिर मैंने अपने लण्ड को हाथ से सहलाया और उसके ऊपर पोजीशन बना कर लेट गया।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !उसने खुद मेरा लण्ड अपने हाथ से पकड़ कर चूत में डलवाने लगी.
तो मेरी पैन्टी तक पूरी ऊपर दिख जाए। मैंने नाभि से ऊँचा एक रेड कलर का टॉप पहना हुआ था, अन्दर ब्लू कलर की ब्रा-पैन्टी नेट वाली थीं, ब्रा तो टॉप में से साफ़ दिख रही थी। मेरे रसीले होंठों पर डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगी थी और बाल खुले किए. इसलिए आशू की चूत एकदम टाईट थी। मैंने जोर से झटका लगाया और लंड पूरी तरह चूत की आगोश में समां चुका था।आशू के मुँह से ‘आआह्ह.
फैजान ने एक मायूस सी नज़र अपनी बहन पर डाली और अपनी तैयारी करने लगा।मैं धीरे से मुस्कराई और उठ कर बाथरूम में जाते हुई बोली- चल ठीक है जाहिरा.
तो मुझे बाथरूम के अन्दर से कुछ ख़ुसर-फुसर की आवाजें आने लगीं। मैं उठ कर बाथरूम के दरवाजे के पास गई और अन्दर की आवाजें सुनने की कोशिश करने लगी। मेरा शक ठीक था. वो बच्चों जैसे ज़िद करने लगी।फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी।मेरा लोवर और अंडरवियर हटा दी।मैं उसके सामने नंगा हो गया और वो मेरे लंड को पकड़ कर कहने लगी- इतना बड़ा?मैंने कहा- बड़ा है. और पापा भी सुबह आएंगे।मेंने उसको पकड़ा और पास वाले बिस्तर पर लेटा लिया।मैंने एक और बार पक्का करने के लिए उसकी आंटी की तरफ देखा.
मेरा होने को था।मैंने काफ़ी देर तक चोदता रहा और फिर झड़ गया, मैंने सारा माल लौड़े को बाहर निकाल कर आंटी की गाण्ड पर छोड़ दिया और हाँफने लगा।मैं थक गया था. मगर मुझे सब विस्तार से बताओ।अर्जुन ने जो हुआ वैसे ही बताना शुरू कर दिया।कमरे में आते ही निधि ने कहा- अब मुझे गन्ना दिखाओ. इसलिए तुम दोनों अपनी बहन को अपने साथ कहीं मत ले जाना। अगर टोनी या उसके किसी चमचे ने गुड्डी को देख लिया तो सब प्लान चौपट हो जाएगा।रॉनी- अरे इसकी फिकर मत करो.
तो पति भी सब भूल कर मुझसे खूब मजे लेते हैं और अपनी ऐय्याशी भरी जिन्दगी में बाहर भी खूब गुलछर्रे उड़ाते हैं।वे दो साल से दुबई में हैं उनका वहाँ 5 साल का कोई कॉन्ट्रेक्ट है.
सेक्सी फिल्म बीएफ फिल्म बीएफ: मेरे प्रेमी का नाम राज है (परिवर्तित नाम) और उसकी उम्र 25 साल है।यह मेरी सच्ची घटना है कोई मनघड़न्त कहानी नहीं है। बात उस समय की है. मैं यहाँ अकेले ही रहता हूँ।मैं अन्तर्वासना को दिल से धन्यवाद देता हूँ कि पढ़ने को इतनी अच्छी कहानियाँ मिलती हैं कि दिल बाग़-बाग़ हो जाता है। इस साईट की रसीली कहानियों को पढ़ कर मैंने भी सोचा कि आज से कुछ अपनी भी कहानियाँ लिखूँ।दोस्तो, मेरा मानना है कि सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है।मेरी बात अभी से 2 साल पहले की है.
उससे पहले हमारे टीचर आ गए। उस समय मैं शान्त रह गया पर मैंने लंच ब्रेक में अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी. जिससे उस हिस्से का मुँह चूत पर लगता हो।उसके बाद वही पैन्टी जिस पर में झड़ गया था। उसे मैंने अपने हाथों से पहना दी और एक-एक करके सारे कपड़े पहना दिए।फिर मैं उसे 10 मिनट तक किस करके उसके ऊपर सोता रहा। जब मैंने आँख खोली तो उसने मुझे काफी लाकर पिला दी और कहा- प्रोजेक्ट का काम तो रह गया. जब मैं वहाँ पहुंचा तो तकरीबन सभी नाश्ता करके जा चुके थे, सिर्फ निम्मी और मैरी बैठी थी एक टेबल पर और दूसरे टेबल पर शानू और बानो विराजमान थी, दोनों आपस में बड़ी तन्मयता से बातें कर रही थी.
पानी तो पिला दीजिए।वो पानी लेने चली गई और जैसे ही पानी लेकर आई मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गाल चूम लिए और ‘आई लव यू’ कहा पर वो चुप रही।मैं- क्या हुआ भाभी.
तो मैं उसके एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से दूसरा चूचा दबाने लगा।जैसे ही मेरा लौड़ा चूत में गया. नहीं पापा का गुस्सा और बढ़ जाएगा और वो जाते ही बरस पड़ेंगे।रॉनी ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और गाड़ी तेज़ी से दौड़ने लगी।उधर इनके जाने के बाद सरिता बहुत खुश हो गई और मुनिया को गले से लगा कर प्यार करने लगी।सरिता- बेटी वहाँ तुमको कोई परेशानी तो नहीं हुई ना?मुनिया- नहीं माँ. तो हम दोनों ने वॉशरूम में जाकर जिस्मों को साफ़ किया और फिर अपनी-अपनी जगह पर आकर लेट गए।अब हम तीनों ही आराम से सो गए।अगली सुबह जब हम लोग उठे तो जाहिरा पहली ही रसोई में जा चुकी हुई थी।मैंने फैजान को उठाया और तैयार होने का कह कर खुद भी रसोई में चली गई।जाहिरा चाय बना रही थी.
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